• होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?
मेन्स डे आउट
Advertisement
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Men’s Day Out English
No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Men’s Day Out English
No Result
View All Result
मेन्स डे आउट
No Result
View All Result
Home हिंदी कानून क्या कहता है

एक दिन के लिए भी माता-पिता को हिरासत में देखना आदमी के लिए बड़ी पीड़ा होगी: दिल्ली हाईकोर्ट ने बरकरार रखी पति को दी गई तलाक

Team MDO by Team MDO
January 1, 2022
in कानून क्या कहता है, हिंदी
0
hindi.mensdayout.com

एक दिन के लिए भी माता-पिता को हिरासत में देखना आदमी के लिए बड़ी पीड़ा होगी: दिल्ली हाईकोर्ट ने बरकरार रखी पति को दी गई तलाक

237
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने 9 नवंबर, 2021 को अपने एक अहम आदेश में कहा कि एक पत्नी अपने पति और उसके माता-पिता के खिलाफ आपराधिक आचरण के गंभीर आरोप लगा रही थी, लेकिन इन आरोपों को वह ट्रायल कोर्ट में साबित करने में असमर्थ रही। अदालत ने पत्नी के इस प्रकार अप्रमाणित आरोपों को “क्रूरता” करार दिया। जस्टिस विपिन सांघी (Justice Vipin Sanghi) और जस्टिस जसमीत सिंह (Justice Jasmeet Singh) की डिवीजन बेंच ने इस तरह फैमिली कोर्ट द्वारा पति को दी गई तलाक की डिक्री बरकरार रखी और फैमिली कोर्ट एक्ट की धारा 19 के तहत पत्नी की अपील को खारिज कर दिया।

क्या है पूरा केस?

दंपत्ति का विवाह हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार दिसंबर 2007 में हुआ था। शादी के बाद नवंबर 2009 में दंपति से एक बेटे का जन्म हुआ। वह बच्चा मां (अपीलकर्ता) की हिरासत में है। बाद में दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया जिसके कारण अपीलकर्ता ने सीएडब्ल्यू सेल (CAW Cell) में शिकायत दर्ज की, जिसके परिणामस्वरूप 2013 में सोनीपत के महिला पुलिस स्टेशन में IPC की धारा 498ए, धारा 406, धारा 323, धारा 34 के तहत FIR दर्ज की गई।

महिला ने अपनी शिकायत में अपने पति और उसके माता-पिता का नाम लिया था। जिसके बाद उक्त मामले में प्रतिवादी पति और उसके माता-पिता सभी को हिरासत में ले लिया गया था। इस मामले में जहां प्रतिवादी तीन दिनों तक हिरासत में रहा, वहीं उसके माता-पिता एक दिन के लिए हिरासत में रहे। हालांकि आखिरकार, प्रतिवादी सहित सभी अभियुक्तों को अगस्त 2015 में बरी कर दिया गया। बरी करने के खिलाफ एक अपील अपीलकर्ता द्वारा दायर की गई थी, जिसे जनवरी 2016 में खारिज कर दिया गया।

पत्नी के कारण पति को करना पड़ा मानसिक क्रूरता का सामना

फैमिली कोर्ट ने माना कि पत्नी के अप्रमाणित आरोपों के कारण पति को मानसिक क्रूरता का सामना करना पड़ा, क्योंकि उसे और उसके माता-पिता को उसकी पत्नी की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498A से दर्ज एक मामले में बरी कर दिया गया था। बरी करने के खिलाफ दायर एक अपील भी खारिज कर दी गई। हालांकि अपीलकर्ता-पत्नी का मामला यह है कि जब उसके पति और ससुराल वालों ने जमानत के लिए आवेदन किया तो उसका विरोध नहीं किया गया। उसने हिंदू विवाह की धारा 9 के तहत वैवाहिक अधिकारों की बहाली के लिए भी एक याचिका दायर की।

हाई कोर्ट ने क्या कहा?

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हमारे विचार में केवल इसलिए कि अपीलकर्ता ने प्रतिवादी और उसके माता-पिता द्वारा पेश की गई जमानत याचिका का विरोध नहीं किया, अपीलकर्ता के गैर-जिम्मेदाराना आचरण को खत्म करने के लिए पर्याप्त नहीं है। केवल तथ्य यह है कि उसने प्रतिवादी और उसके माता-पिता के खिलाफ आपराधिक आचरण के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसे वह अदालत के समक्ष स्थापित नहीं कर सकी, प्रतिवादी के खिलाफ क्रूरता के कृत्यों का गठन करने के लिए पर्याप्त है।

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में आगे कहा कि इन परिस्थितियों में प्रतिवादी से यह आशा कैसे की जा सकती है कि वह अपीलकर्ता को अपने जीवन में आने की अनुमति देगा? एक विश्वास- जो वैवाहिक बंधन की नींव है, अपीलकर्ता के उक्त आचरण से पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। एक आदमी के लिए अपने माता-पिता को हिरासत में देखना और उन्हें एक दिन के लिए जेल में देखना एक अनकही पीड़ा होगी। बेशक, अपीलकर्ता ने प्रतिवादी और उसके माता-पिता के खिलाफ उसके आरोपों को भी अपील में रखा। क्या उसे नहीं पता था कि उनकी सजा क्या होगी? उन्हें कारावास की सजा सुनाई गई है? इसलिए, जमानत अर्जी का विरोध न करने का उनका आचरण मायने नहीं रखता।

अपील में कोई योग्यता नहीं पाते हुए हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। हालांकि, अपीलकर्ता पत्नी की दलील पर कि वह स्थायी गुजारा भत्ता की हकदार होगी और पति अपने नाबालिग बच्चे के भरण पोषण के लिए बाध्य है, जो पत्नी के साथ ही है, अदालत ने पत्नी और बच्चे के भरण-पोषण के अनुदान के लिए स्थायी गुजारा भत्ता देने के पहलू पर पति को नोटिस जारी किया।

READ ARTICLE IN ENGLISH 

READ ORDER | For Man To See Parents In Custody Even For Single Day Would Have Caused Immense Agony: Delhi High Court Grants Divorce To Man

मेन्स डे आउटस के लिए दान करें!

पुरुषों के लिए समान अधिकारों के बारे में ब्लॉगिंग करना या जेंडर पक्षपाती कानूनों के बारे में लिखना अक्सर विवादास्पद माना जाता है, क्योंकि कई लोग इसे महिला विरोधी मानते हैं। इस वजह है कि अधिकांश ब्रांड हमारे जैसे पोर्टल पर विज्ञापन देने से कतराते हैं।

इसलिए, हम दानदाताओं के रूप में आपके समर्थन की आशा करते हैं जो हमारे काम को समझते हैं और इस उद्देश्य को फैलाने के इस प्रयास में भागीदार बनने के इच्छुक हैं। मीडिया में एक तरफा जेंडर पक्षपाती नेगेटिव का मुकाबला करने के लिए हमारे काम का समर्थन करें।

योगदान करें! (80G योग्य)

हमें तत्काल दान करने के लिए, ऊपर "अभी दान करें" बटन पर क्लिक करें। बैंक ट्रांसफर के माध्यम से दान के संबंध में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें। click here.

सोशल मीडियां

Team MDO

Team MDO

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published.

योगदान करें! (80G योग्य)
  • Trending
  • Comments
  • Latest
mensdayout.com

पत्नी को 3,000 रुपए भरण-पोषण न देने पर पति को 11 महीने की सजा, बीमार शख्स की जेल में मौत

February 24, 2022
hindi.mensdayout.com

छोटी बहन ने लगाया था रेप का झूठा आरोप, 2 साल जेल में रहकर 24 वर्षीय युवक POCSO से बरी

January 1, 2022
hindi.mensdayout.com

राजस्थान की अदालत ने पुलिस को दुल्हन के पिता पर ‘दहेज देने’ के आरोप में केस दर्ज करने का दिया आदेश

January 25, 2022
hindi.mensdayout.com

Marital Rape Law: मैरिटल रेप कानून का शुरू हो चुका है दुरुपयोग

January 24, 2022
hindi.mensdayout.com

Swiggy ने महिला डिलीवरी पार्टनर्स को महीने में दो दिन पेड पीरियड लीव देने का किया ऐलान, क्या इससे भेदभाव घटेगा या बढ़ेगा?

1
mensdayout.com

औरंगाबाद में कथित झूठे छेड़छाड़ के आरोपों से आहत 48 वर्षीय व्यक्ति ने की खुदकुशी

0
hindi.mensdayout.com

Maharashtra Shakti Bill: अब महाराष्ट्र में यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज करने वालों को होगी 3 साल तक की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना

0
https://hindi.mensdayout.com/

पंजाब और हरियाणा HC ने 12 साल से पत्नी से अलग रह रहे पति की याचिका को किया खारिज, कहा- ‘तुच्छ आरोप तलाक का आधार नहीं हो सकते’, जानें क्या है पूरा मामला

0
mensdayout.com

औरंगाबाद में कथित झूठे छेड़छाड़ के आरोपों से आहत 48 वर्षीय व्यक्ति ने की खुदकुशी

April 6, 2022
mensdayout.com

‘स्त्री पुरुष की मंशा जानती हैं’, ट्रेन में महिला को ‘किस’ करने वाले आरोपी को मुंबई कोर्ट ने सुनाई 1 साल की सजा, शख्स बोला- ‘भीड़ में गलती से kiss हो गया’

April 6, 2022
mensdayout.com

रोहतक में शख्स के साथ निर्भया जैसी हैवानियत! पत्नी और ससुराल वालों ने पति के प्राइवेट पार्ट में डाला बेंत और मिर्च पाउडर, अंग्रेजी मीडिया ने साधा मौन

April 6, 2022
mensdayout.com

सीनियर सिटीजन एक्ट का उद्देश्य न केवल वित्तीय सहायता है, बल्कि बच्चों द्वारा वित्तीय शोषण को भी रोकना है: केरल हाई कोर्ट

April 6, 2022

सोशल मीडिया

नवीनतम समाचार

mensdayout.com

औरंगाबाद में कथित झूठे छेड़छाड़ के आरोपों से आहत 48 वर्षीय व्यक्ति ने की खुदकुशी

April 6, 2022
mensdayout.com

‘स्त्री पुरुष की मंशा जानती हैं’, ट्रेन में महिला को ‘किस’ करने वाले आरोपी को मुंबई कोर्ट ने सुनाई 1 साल की सजा, शख्स बोला- ‘भीड़ में गलती से kiss हो गया’

April 6, 2022
mensdayout.com

रोहतक में शख्स के साथ निर्भया जैसी हैवानियत! पत्नी और ससुराल वालों ने पति के प्राइवेट पार्ट में डाला बेंत और मिर्च पाउडर, अंग्रेजी मीडिया ने साधा मौन

April 6, 2022
mensdayout.com

सीनियर सिटीजन एक्ट का उद्देश्य न केवल वित्तीय सहायता है, बल्कि बच्चों द्वारा वित्तीय शोषण को भी रोकना है: केरल हाई कोर्ट

April 6, 2022
मेन्स डे आउट

मेन्स डे आउट (Men's Day Out) में पुरुषों के अधिकार, लैंगिक पक्षपाती कानून (Gender Biased Laws), माता-पिता का बच्चों पर प्रभाव और उनसे संबंधित स्टोरी प्रकाशित होते हैं।

सोशल मीडिया

केटेगरी

  • कानून क्या कहता है
  • ताजा खबरें
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • हिंदी

ताजा खबरें

mensdayout.com

औरंगाबाद में कथित झूठे छेड़छाड़ के आरोपों से आहत 48 वर्षीय व्यक्ति ने की खुदकुशी

April 6, 2022
mensdayout.com

‘स्त्री पुरुष की मंशा जानती हैं’, ट्रेन में महिला को ‘किस’ करने वाले आरोपी को मुंबई कोर्ट ने सुनाई 1 साल की सजा, शख्स बोला- ‘भीड़ में गलती से kiss हो गया’

April 6, 2022
  • होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?

© 2019 Men's Day Out

No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Men’s Day Out English

© 2019 Men's Day Out