• होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?
मेन्स डे आउट
Advertisement
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Men’s Day Out English
No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Men’s Day Out English
No Result
View All Result
मेन्स डे आउट
No Result
View All Result
Home हिंदी कानून क्या कहता है

बॉम्बे हाई कोर्ट ने झूठे बलात्कार मामले में सब-इंस्पेक्टर को दी जमानत, महिला कांस्टेबल के साथ सहमति से संबंध का दिया हवाला

Team MDO by Team MDO
February 4, 2022
in कानून क्या कहता है, हिंदी
0
mensdayout.com

Bombay HC Grants Bail To Sub-Inspector In False Rape Case; Cites Lady Constable Was In Consensual Relationship (Representation Image Only)

52
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने पुलिस सब-इंस्पेक्टर अमित शेलार (Amit Shelar) को अग्रिम जमानत दे दी है, जिन पर एक सहकर्मी से बलात्कार का आरोप है। कोर्ट ने शेलार को जमानत यह देखते हुए दिया कि दोनों के बीच संबंध आपसी सहमति से थे। नवी मुंबई क्राइम ब्रांच से जुड़े शेलार को FIR दर्ज होने के बाद निलंबित कर दिया गया था। उनके वकील तनवीर निजाम ने कहा कि यह एक झूठी एफआईआर थी और जांच अनावश्यक और स्पष्ट रूप से प्रेरित थी।

निजाम ने कहा कि हाई कोर्ट ने माना है कि यह एक सहमति से संबंध है और इस पर बलात्कार के आरोप लागू नहीं होते हैं। इससे मिस्टर शेलार को बड़ी राहत मिली है। जस्टिस इंद्रजीत महंती (justices Indrajit Mahanty) और जस्टिस ए एम बदर (justices A M Badar) की खंडपीठ ने जुलाई में शेलार को अग्रिम जमानत दी थी, जब उन्होंने सत्र अदालत से जमानत खारिज होने के बाद इस साल जनवरी में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

क्या है पूरा मामला?

नवंबर 2018 में नवी मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच से जुड़ी एक कांस्टेबल महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि शेलार ने पिछले साल मार्च में उसके साथ कोल्ड ड्रिंक पीने के बाद उसका बलात्कार किया था। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता एक सेवारत पुलिस कांस्टेबल और एक वयस्क विवाहित महिला है।

अदालत ने नोट किया कि यदि FIR में बताए गए तथ्यों और शिकायतकर्ता और आरोपी व्यक्ति के बीच आदान-प्रदान किए गए टेक्स्ट मैसेज पर विचार किया जाता है, तो प्रथम दृष्टया हमारी राय है कि मामला आपसी सहमति का है। हमारी राय है कि यह अधिनियम प्रकृति में सहमति (consensual in nature) से किया गया था। कोर्ट ने आगे कहा कि यह मामला एक 31 वर्षीय विवाहित महिला का है, जो अपने पति को इस बात का खुलासा किए बिना कई मौकों पर अपने सहकर्मी के साथ यौन संबंध बनाती है।

अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता के पति को सब-इंस्पेक्टर और शिकायतकर्ता के बीच टेक्स्ट मैसेज का आदान-प्रदान होने के बाद FIR दर्ज की गई थी। अपनी शिकायत में महिला ने कहा कि उस व्यक्ति ने घटना को रिकॉर्ड करने का दावा किया था और उसके बाद कई मौकों पर उसका कथित तौर पर बलात्कार किया।

पति ने देखा फोन

अदालत ने कहा कि ऐसा करने के कई अवसर होने के बावजूद महिला ने अपने पति या पुलिस को मामले की जानकारी नहीं दी। अदालत ने कहा कि इसके विपरीत, पार्टियों के बीच आदान-प्रदान किए गए संदेशों से संकेत मिलता है कि शिकायतकर्ता को संदेह था कि उसका पति उसके मोबाइल की निगरानी कर रहा था और आखिरकार, 16 नवंबर, 2018 को FIR दर्ज की गई। कोर्ट ने कहा कि मेडिकल एग्जामिनेशन की रिपोर्ट भी निगेटिव थी।

अदालत ने की अहम टिप्पणी

अदालत ने कहा कि धारा 3(1)(W) की व्याख्या यह स्पष्ट करती है कि स्वैच्छिक समझौता या तो शब्दों, हावभाव या गैर-मौखिक संचार के रूप में एक विशिष्ट अधिनियम में भाग लेने की इच्छा को संप्रेषित करने के लिए सहमति के बराबर है। ऐसे मामले एक दैनिक मानदंड बन गए हैं, जहां वयस्क महिलाएं सहमति से संबंध खराब होने के बाद बलात्कार के आरोप दायर करती हैं या वह स्कोर या कुछ और निपटाना चाहती हैं।

बलात्कार के आरोप की गंभीरता को इस हद तक कम कर दिया गया है कि कम से कम प्राथमिक स्तर पर समाज कई पीड़ितों को संदेह की नजर से देखने के लिए मजबूर है। जबकि ऐसे कई मामलों में पुरुषों को अदालतों से अंतरिम राहत मिलती है, उनकी छवि जीवन भर के लिए खराब होती है। कई बार, ऐसे मामले होते हैं, जहां पुरुषों ने बलात्कार के झूठे आरोपों के कारण लगभग एक महीने सलाखों के पीछे गुजारे हैं। पुरुष का नाम और छवि दोषी ठहराए जाने से पहले मीडिया में प्रकाशित हो जाती है, जबकि महिला की पहचान का खुलासा नहीं किया जाता है, भले ही मामला झूठा साबित हो जाए।

ये भी पढ़ें:

बॉम्बे हाई कोर्ट ने सास से कथित रूप से बलात्कार के आरोपी व्यक्ति को अग्रिम जमानत दे दी, क्योंकि अदालत को आरोप मनगढ़ंत लग रहा था

हेमंत नागराले वैवाहिक कार्यवाही केस: सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे HC को 6 महीने में तलाक और घरेलू हिंसा मामले का निपटारा करने का दिया आदेश

ARTICLE IN ENGLISH:

Bombay HC Grants Bail To Sub-Inspector In False Rape Case; Cites Lady Constable Was In Consensual Relationship

मेन्स डे आउटस के लिए दान करें!

पुरुषों के लिए समान अधिकारों के बारे में ब्लॉगिंग करना या जेंडर पक्षपाती कानूनों के बारे में लिखना अक्सर विवादास्पद माना जाता है, क्योंकि कई लोग इसे महिला विरोधी मानते हैं। इस वजह है कि अधिकांश ब्रांड हमारे जैसे पोर्टल पर विज्ञापन देने से कतराते हैं।

इसलिए, हम दानदाताओं के रूप में आपके समर्थन की आशा करते हैं जो हमारे काम को समझते हैं और इस उद्देश्य को फैलाने के इस प्रयास में भागीदार बनने के इच्छुक हैं। मीडिया में एक तरफा जेंडर पक्षपाती नेगेटिव का मुकाबला करने के लिए हमारे काम का समर्थन करें।

योगदान करें! (80G योग्य)

हमें तत्काल दान करने के लिए, ऊपर "अभी दान करें" बटन पर क्लिक करें। बैंक ट्रांसफर के माध्यम से दान के संबंध में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें। click here.

सोशल मीडियां

Tags: फ़र्ज़ी बलात्कार मामलाबॉम्बे हाईकोर्टलिंग पक्षपाती कानून
Team MDO

Team MDO

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published.

योगदान करें! (80G योग्य)
  • Trending
  • Comments
  • Latest
mensdayout.com

पत्नी को 3,000 रुपए भरण-पोषण न देने पर पति को 11 महीने की सजा, बीमार शख्स की जेल में मौत

February 24, 2022
hindi.mensdayout.com

छोटी बहन ने लगाया था रेप का झूठा आरोप, 2 साल जेल में रहकर 24 वर्षीय युवक POCSO से बरी

January 1, 2022
hindi.mensdayout.com

राजस्थान की अदालत ने पुलिस को दुल्हन के पिता पर ‘दहेज देने’ के आरोप में केस दर्ज करने का दिया आदेश

January 25, 2022
hindi.mensdayout.com

Marital Rape Law: मैरिटल रेप कानून का शुरू हो चुका है दुरुपयोग

January 24, 2022
hindi.mensdayout.com

Swiggy ने महिला डिलीवरी पार्टनर्स को महीने में दो दिन पेड पीरियड लीव देने का किया ऐलान, क्या इससे भेदभाव घटेगा या बढ़ेगा?

1
mensdayout.com

राजस्थान पुलिस कांस्टेबल ने करौली हिंसा के बीच बच्चे सहित 4 लोगों की बचाई जान, सीएम गहलोत सहित अन्य लोगों ने नेत्रेश शर्मा के जज्बे को किया सलाम

0
hindi.mensdayout.com

Maharashtra Shakti Bill: अब महाराष्ट्र में यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज करने वालों को होगी 3 साल तक की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना

0
https://hindi.mensdayout.com/

पंजाब और हरियाणा HC ने 12 साल से पत्नी से अलग रह रहे पति की याचिका को किया खारिज, कहा- ‘तुच्छ आरोप तलाक का आधार नहीं हो सकते’, जानें क्या है पूरा मामला

0
mensdayout.com

राजस्थान पुलिस कांस्टेबल ने करौली हिंसा के बीच बच्चे सहित 4 लोगों की बचाई जान, सीएम गहलोत सहित अन्य लोगों ने नेत्रेश शर्मा के जज्बे को किया सलाम

April 7, 2022
mensdayout.com

केरल हाई कोर्ट ने शादी के बहाने सेक्स के विस्तार का किया विश्लेषण, कहा- IPC में रेप का अपराध जेंडर न्यूट्रल नहीं

April 7, 2022
mensdayout.com

पति को झूठे दहेज के आरोप में फंसाना या ससुर पर रेप के प्रयास का झूठा आरोप लगाना क्रूरता है: HC

April 7, 2022
mensdayout.com

औरंगाबाद में कथित झूठे छेड़छाड़ के आरोपों से आहत 48 वर्षीय व्यक्ति ने की खुदकुशी

April 6, 2022

सोशल मीडिया

नवीनतम समाचार

mensdayout.com

राजस्थान पुलिस कांस्टेबल ने करौली हिंसा के बीच बच्चे सहित 4 लोगों की बचाई जान, सीएम गहलोत सहित अन्य लोगों ने नेत्रेश शर्मा के जज्बे को किया सलाम

April 7, 2022
mensdayout.com

केरल हाई कोर्ट ने शादी के बहाने सेक्स के विस्तार का किया विश्लेषण, कहा- IPC में रेप का अपराध जेंडर न्यूट्रल नहीं

April 7, 2022
mensdayout.com

पति को झूठे दहेज के आरोप में फंसाना या ससुर पर रेप के प्रयास का झूठा आरोप लगाना क्रूरता है: HC

April 7, 2022
mensdayout.com

औरंगाबाद में कथित झूठे छेड़छाड़ के आरोपों से आहत 48 वर्षीय व्यक्ति ने की खुदकुशी

April 6, 2022
मेन्स डे आउट

मेन्स डे आउट (Men's Day Out) में पुरुषों के अधिकार, लैंगिक पक्षपाती कानून (Gender Biased Laws), माता-पिता का बच्चों पर प्रभाव और उनसे संबंधित स्टोरी प्रकाशित होते हैं।

सोशल मीडिया

केटेगरी

  • कानून क्या कहता है
  • ताजा खबरें
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • हिंदी

ताजा खबरें

mensdayout.com

राजस्थान पुलिस कांस्टेबल ने करौली हिंसा के बीच बच्चे सहित 4 लोगों की बचाई जान, सीएम गहलोत सहित अन्य लोगों ने नेत्रेश शर्मा के जज्बे को किया सलाम

April 7, 2022
mensdayout.com

केरल हाई कोर्ट ने शादी के बहाने सेक्स के विस्तार का किया विश्लेषण, कहा- IPC में रेप का अपराध जेंडर न्यूट्रल नहीं

April 7, 2022
  • होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?

© 2019 Men's Day Out

No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Men’s Day Out English

© 2019 Men's Day Out