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Home हिंदी कानून क्या कहता है

सुमित-तपस्विनी ओडिशा वैवाहिक मामले में हाई कोर्ट ने मासिक भरण-पोषण 17 हजार रुपये से घटाकर 10 हजार रुपये किया

Team MDO by Team MDO
March 9, 2022
in कानून क्या कहता है, हिंदी
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mensdayout.com

Sumit-Tapaswini Odisha Matrimonial Case | High Court Lowers Monthly Maintenance From Rs 17K to Rs 10K

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Sumit-Tapaswini Odisha Matrimonial Case: ओडिशा के सुमित-तपस्विनी का मामला याद है? तपस्विनी 44 दिनों से ससुराल के सामने धरना दे रही थी। एक महीने से अधिक समय तक घर के सामने विरोध करने के बाद पत्नी स्थानीय महिला कार्यकर्ताओं के साथ पति के घर में घुस गई थी। सुमित ने बाद में एक वीडियो जारी किया जिसमें तपस्विनी द्वारा गुजारा भत्ता की मांग का आरोप लगाया गया था।

मेंटेनेंस ग्रांटेड

अब हाल ही में चल रहे बेरहामपुर वैवाहिक कलह मामले में सुमित साहू को अपनी अलग रह रही पत्नी तपस्विनी दास को 17,000 रुपये मासिक भरण-पोषण का भुगतान करने का आदेश दिया गया था।

कथित तौर पर, सुमित ने अपने वकील के माध्यम से सब-डिविजनल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (SDJM) के पास बैंक ड्राफ्ट के रूप में पैसा जमा किया है। हालांकि, उन्होंने कहा था कि वह तपस्विनी के भरण-पोषण के लिए यह राशि जमा नहीं कर पाएंगे। लेकिन बाद में उन्होंने कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए पैसे का भुगतान किया।

गौरतलब है कि सुमित को हर महीने की 10 तारीख को तपस्विनी के भरण-पोषण के लिए 17,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया गया था। इसके अलावा सुमित फैमिली कोर्ट में काउंसलिंग के लिए पेश हुआ, लेकिन तपविनी की अनुपस्थिति के कारण यह नहीं हो सका।

इससे पहले 4 जनवरी को गंजम की जिला एवं सत्र अदालत ने आदेश दिया था कि तपस्विनी दास अपने पति डॉ सुमित साहू के साथ ब्रम्हनगर में ससुराल में रहेंगी।

उड़ीसा हाई कोर्ट

उड़ीसा हाई कोर्ट (Orissa High Court) ने बाद में मासिक रखरखाव राशि को 17,000 रुपये से घटाकर 10,000 रुपये कर दिया। गौरतलब है कि सुमित के परिवार ने एक अपील दायर कर तपस्विनी के कहीं और रहने की व्यवस्था का आश्वासन दिया था। हालांकि, कोर्ट ने फैसला किया कि सुमित अब तपस्विनी को 10,000 रुपये मासिक भरण-पोषण का भुगतान करेगा, लेकिन वह अगली सुनवाई तक अपने ससुराल में रहेगी।

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Sumit-Tapaswini Odisha Matrimonial Case | High Court Lowers Monthly Maintenance From Rs 17K to Rs 10K

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