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Home हिंदी कानून क्या कहता है

सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 142 के तहत रेप केस को किया खारिज, शिकायतकर्ता महिला ने ‘बलात्कारी’ से ही कल ली शादी

Team MDO by Team MDO
March 31, 2022
in कानून क्या कहता है, हिंदी
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mensdayout.com

Supreme Court Acquits Woman For Killing New Born As “It Is Unnatural For Mother To Kill Her Own Baby”

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हमने अक्सर देखा है कि जब भी कोई पुरुष किसी बलात्कार के मामले में बरी हो जाता है, तो महिला अधिकार कार्यकर्ता उस पर हावी हो जाती हैं। लेकिन हाल ही में एक रेप के आरोपी को जमानत मिलने पर सभी ने चुप्पी साध ली है। जी हां, दरअसल रेप केस से जुड़े एक अनोखे मामले में शिकायत करने वाली महिला ने आरोपी से शादी कर ली और इस आधार पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रेप मामले को खारिज कर दिया है।

अपने हालिया आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए रेप के मामले को रद्द कर दिया, क्योंकि उसने कहा कि शिकायतकर्ता/कथित पीड़िता ने अपीलकर्ता/अभियुक्त से शादी कर ली। तेलंगाना हाईकोर्ट द्वारा CrPC की धारा 482 के तहत दायर उनके आवेदन को खारिज करने के आदेश के खिलाफ अपीलकर्ता/अभियुक्त द्वारा दायर अपील को स्वीकार करते हुए जस्टिस विनीत सरन (Justice Vineet Saran) और जस्टिस जे.के. माहेश्वरी (Justice J. K. Maheshwari) की पीठ ने कहा:

उपरोक्त तथ्यों और यह ध्यान में रखते हुए कि प्रतिवादी नंबर दो/शिकायतकर्ता ने स्वयं हमारे सामने एक बयान दिया है कि उसने अपीलकर्ता से शादी कर ली है और अब खुशी से रह रही है। हम भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत मामले में पूर्ण न्याय के लिए अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हैं। हम भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 417, 420 और 376 के तहत अपीलकर्ता के खिलाफ प्रतिवादी नंबर दो द्वारा दर्ज की गई FIR को रद्द करते हैं।

क्या है मामला?

शिकायतकर्ता महिला ने अपीलकर्ता/अभियुक्त के खिलाफ IPC की धारा 417, 420, और 376 के तहत FIR दर्ज कराई थी। इसमें यह आरोप लगाया गया था कि दोनों एक-दूसरे से भारत मैट्रिमोनी के जरिए मिले और उसके बाद वे एक-दूसरे के संपर्क में रहे। इसके अलावा, उसने आरोप लगाया कि शादी के वादे पर अपीलकर्ता/आरोपी ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। उसके बाद जब उसने उससे शादी करने से इनकार कर दिया तो उसने उसके खिलाफ FIR दर्ज कराई। हालांकि, बाद में दोनों ने शादी कर ली, इसलिए वे FIR को रद्द करने के लिए तेलंगाना हाईकोर्ट चले गए।

तेलंगाना हाई कोर्ट

तेलंगाना हाईकोर्ट (Telangana High Court) ने FIR को रद्द करने की उनकी याचिका खारिज कर दी। इसके बाद वे सुप्रीम कोर्ट चले आए।

सुप्रीम कोर्ट

शिकायतकर्ता महिला ने सुप्रीम कोर्ट में एक बयान दिया कि वह अब अपीलकर्ता से शादी कर चुकी है और एक सुखी वैवाहिक जीवन जी रही है। इस प्रकार, उसने कहा कि वह अपीलकर्ता (अब उसके पति) के खिलाफ दर्ज FIR को जारी रखने की इच्छा नहीं रखती है। इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपील को मंजूर करते हुए FIR रद्द कर दी।

ये भी पढ़ें:

‘मेरी पत्नी महिला नहीं है’: पति ने पत्नी और उसके पिता के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का किया रुख

आर्टिकल 142 के तहत जीवनसाथी की सहमति जरूरी नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने 22 साल के अलगाव के बाद पति को दी तलाक की मंजूरी


ARTICLE IN ENGLISH:

READ ORDER | Supreme Court Quashes Rape Case As Complainant Woman Gets Married To Her ‘Rapist’: Sex On Pretext Of Marriage

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Tags: #पुरुषोंकीआवाजफ़र्ज़ी बलात्कार मामलालिंग पक्षपाती कानूनसमानता समान होनी चाहिएसुप्रीम कोर्ट
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