• होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?
मेन्स डे आउट
Advertisement
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Men’s Day Out English
No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Men’s Day Out English
No Result
View All Result
मेन्स डे आउट
No Result
View All Result
Home हिंदी पुरुषों के लिए आवाज

मैं चाहता हूं कि आप मजबूत बनें और अपना जीवन पूरे सम्मान के साथ जिएं, क्योंकि आपके पति ने कुछ नहीं किया है: स्वरूप राज

Team MDO by Team MDO
February 3, 2022
in पुरुषों के लिए आवाज, हिंदी
0
mensdayout.com

“I want you to be strong & live your life with whole respect, as your husband has not done anything”: Swaroop Raj (Image Courtesy: Facebook)

74
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

मीटू के एक ऐसा आंदोलन (#MeToo मूवमेंट) था जिसके जरिए कई महिलाओं ने अपने खिलाफ यौन उत्पीड़न और यौन हमले करने वाले पुरुषों के नाम को सार्वजनिक कर उन्हें शर्मिंदा किया। #MeToo अक्टूबर 2017 में यौन उत्पीड़न और विशेष रूप से कार्यस्थल में व्यापक प्रसार का प्रदर्शन करने के प्रयास में सोशल मीडिया पर इस्तेमाल किए गए हैशटैग के रूप में वायरल हो गया।

हालांकि, जब समाज एक जेंडर के लिए खड़ा होता है, तो संभावित दुरुपयोग को रोकने के लिए एक संतुलन बनाना पड़ता है क्यों वे भूल जाते हैं ऐसा नहीं करने से एक निर्दोष शख्स का जीवन हमेशा के लिए खत्म हो सकता है। नीचे एनसीआर के स्वरूप राज (Swaroop Raj) के साथ ऐसा ही हुआ, जहां उन्हें अपनी जीवन लीला समाप्त करनी पड़ी।

क्या है पूरा मामला?

35 वर्षीय स्वरूप ने नोएडा स्थित जेनपैक्ट (Genpact in Noida) में 10 साल से अधिक समय तक आईटी एग्जीक्यूटिव के रूप में काम किया। पिछले साल दिसंबर में असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट को कंपनी की तरफ से दो महिला कर्मचारियों द्वारा उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों में इंटरनल कंप्लेंट कमेटी (आईसीसी) की जांच तक कोई आधिकारिक काम करने से रोक दिया गया था। आरोपों के चलते उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित भी कर दिया गया था।

दुर्भाग्य से, जांच पूरी होने से पहले ही राज ने नोएडा स्थित अपने घर पर आत्महत्या कर ली। उनका शव उनकी पत्नी द्वारा सेक्टर 137 में एक ऊंची इमारत में उनके आवास पर छत के पंखे से लटका हुआ पाया गया था। उन्होंने दोषी नहीं होने का अनुरोध करते हुए सभी के लिए एक सुसाइड नोट छोड़ दिया।

पुलिस का बयान

गौतम बौद्ध नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने कहा कि जब पुलिस को सूचना दी गई, तो उन्होंने घर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। नोट में स्वरूप राज ने आरोपों का खंडन करते हुए उन्हें “निराधार” करार दिया और कहा कि उनमें किसी का सामना करने की हिम्मत नहीं है, क्योंकि लोग मुझे उस नजर से देखेंगे, भले ही मैं निर्दोष साबित हो जाऊं। अपनी पत्नी को नोट को संबोधित करते हुए स्वरूप ने लिखा मैं तुम्हें बताना चाहता हूं कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूं। मुझ पर दो कर्मचारियों द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है और मेरा विश्वास करो मैंने कुछ नहीं किया। मुझे पता है कि दुनिया इसे कैसे समझेगी, लेकिन आपको और हमारे परिवारों को मुझ पर भरोसा करना चाहिए। आरोप निराधार हैं और पूरे जेनपैक्ट को इसके बारे में पता चल जाएगा।

उन्होंने आगे लिखा है कि इसलिए सबका सामना करने की मुझमें हिम्मत नहीं है। मैं चाहता हूं कि आप मजबूत बनें और अपना जीवन पूरे सम्मान के साथ जिएं, क्योंकि आपके पति ने कुछ नहीं किया है। मैं जा रहा हूं क्योंकि हर कोई मुझे उस नजर से देखेगा, भले ही मैं एसआईसी की जांच में निर्दोष आ जाऊं। वह 2007 में कंपनी में शामिल हुए थे और हाल ही में उन्हें वरिष्ठ पद पर पदोन्नत किया गया था। अभी कुछ साल पहले ही उसकी शादी हुई थी।

आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज

पुलिस ने उसके खिलाफ शिकायत करने वाली दो महिलाओं सहित कंपनी के कुछ कर्मचारियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जेनपैक्ट के कुछ अधिकारियों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाने वाले स्वरूप राज की पत्नी की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धारा के तहत सूरजपुर पुलिस थाने में FIR दर्ज की गई थी।

इस बीच, जेनपैक्ट ने कार्यकारी की मौत पर शोक व्यक्त किया, लेकिन यह सुनिश्चित किया कि वह अपने कर्मचारियों की गोपनीयता की रक्षा करना पसंद करेगा और उन शिकायतों का डिटेल्स नहीं देगा जिनमें “गंभीर आरोप” हैं और इसकी इंटरनल कंप्लेंट कमेटी (ICC) द्वारा जांच की जा रही है।

कंपनी का बयान

कंपनी के प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि निष्पक्ष, अप्रभावित जांच करने के लिए उन्हें कानूनी आवश्यकता और कंपनी की नीति के अनुरूप जांच के बंद होने तक अस्थायी निलंबन के तहत रखा गया था ताकि आईसीसी दो महिला कर्मचारियों से प्राप्त आरोपों की उचित जांच कर सके। जहां मीडिया के कुछ वर्गों ने शिकायतकर्ताओं पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाने के लिए पुलिस पर सवाल उठाया है, वहीं कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने आरोप झूठे साबित होने पर एक व्यक्ति की गरिमा को चुनौती दी है।

जहां एक ओर मी टू अभियान ने कई महिलाओं को शारीरिक हमलों के आघात के खिलाफ बोलने के लिए प्रोत्साहित किया, वहीं अब तक पुरुषों के नामकरण और उन्हें शर्मसार करने के संभावित दुरुपयोग को संबोधित नहीं किया गया है या इसका हिसाब नहीं दिया गया है।

आत्महत्या की जगह कानूनी तौर पर आरोपों का सामना करें पुरुष

पुरुषों को मजबूत बने रहने और लड़ाई लड़ने के लिए कहना आसान है, लेकिन ऐसे आरोपों के बाद जिस मानसिक प्रताड़ना और शर्मिंदगी से गुजरना पड़ता है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद, पुरुषों और उनके परिवारों को ऐसे मामलों के लिए तैयार रहने की जरूरत है और यदि आप कानून के सही पक्ष में हैं तो कानूनी तौर पर उनका सामना करें। अगर आप सही हैं तो ये मत सोचो की समाज आपके बारे में क्या सोचता है। कभी भी आत्महत्या करने का विचार अपने मन में मत लाओं क्यों आप बाद में बहुत मजबूत और अधिक सम्मान के साथ उभरोगे।

आत्महत्या रोकथाम संपर्क डिटेल्स                                                               

पारिवारिक समस्याओं और झूठे मामलों की धमकियों के कारण संकट में पड़े पुरुष यहां दिए गए लिस्ट में से किसी भी गैर सरकारी संगठन से संपर्क कर सकते हैं। ये संगठन हैं मेन वेलफेयर ट्रस्ट (Men Welfare Trust), माय नेशन होप फाउंडेशन (MyNation Hope Foundation), सेव इंडियन फैमिली फाउंडेशन (Save Indian Family Foundation) और वास्तव फाउंडेशन (Vaastav Foundation)

ये भी पढ़ें:

पूर्व CJI रंजन गोगोई के खिलाफ #MeToo के आरोप के बाद सुप्रीम कोर्ट के जजों ने सिर्फ पुरुष कर्मचारियों को हायर करने का किया अनुरोध

Marital Rape Law: मैरिटल रेप कानून का शुरू हो चुका है दुरुपयोग

ARTICLE IN ENGLISH:

“I want you to be strong & live your life with whole respect, as your husband has not done anything”: Swaroop Raj

मेन्स डे आउटस के लिए दान करें!

पुरुषों के लिए समान अधिकारों के बारे में ब्लॉगिंग करना या जेंडर पक्षपाती कानूनों के बारे में लिखना अक्सर विवादास्पद माना जाता है, क्योंकि कई लोग इसे महिला विरोधी मानते हैं। इस वजह है कि अधिकांश ब्रांड हमारे जैसे पोर्टल पर विज्ञापन देने से कतराते हैं।

इसलिए, हम दानदाताओं के रूप में आपके समर्थन की आशा करते हैं जो हमारे काम को समझते हैं और इस उद्देश्य को फैलाने के इस प्रयास में भागीदार बनने के इच्छुक हैं। मीडिया में एक तरफा जेंडर पक्षपाती नेगेटिव का मुकाबला करने के लिए हमारे काम का समर्थन करें।

योगदान करें! (80G योग्य)

हमें तत्काल दान करने के लिए, ऊपर "अभी दान करें" बटन पर क्लिक करें। बैंक ट्रांसफर के माध्यम से दान के संबंध में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें। click here.

सोशल मीडियां

Tags: #MeToo#पुरुषोंकीआवाजआत्महत्यालिंग पक्षपाती कानूनसोशल मीडिया चर्चा
Team MDO

Team MDO

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published.

मेन्स डे आउट

मेन्स डे आउट (Men's Day Out) में पुरुषों के अधिकार, लैंगिक पक्षपाती कानून (Gender Biased Laws), माता-पिता का बच्चों पर प्रभाव और उनसे संबंधित स्टोरी प्रकाशित होते हैं।

सोशल मीडिया

केटेगरी

  • कानून क्या कहता है
  • ताजा खबरें
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • हिंदी

ताजा खबरें

mensdayout.com

औरंगाबाद में कथित झूठे छेड़छाड़ के आरोपों से आहत 48 वर्षीय व्यक्ति ने की खुदकुशी

April 6, 2022
mensdayout.com

‘स्त्री पुरुष की मंशा जानती हैं’, ट्रेन में महिला को ‘किस’ करने वाले आरोपी को मुंबई कोर्ट ने सुनाई 1 साल की सजा, शख्स बोला- ‘भीड़ में गलती से kiss हो गया’

April 6, 2022
  • होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?

© 2019 Men's Day Out

No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Men’s Day Out English

© 2019 Men's Day Out

योगदान करें! (८०जी योग्य)